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Sunday, 31 August 2014

45 किलो की पगड़ी वाले बाबा जी

सिख धर्म में निहंग समुदाय योद्धा के रूप में जाने जाते हैं। आम सिखों से अलग यो नीले वस्त्र पहनते हैं, कई तरह के हथियार साथ में रखते हैं पर इनकी पहचान की जो सबसे मुख्य विशेषता होती है वह है इनकी पगड़ी। किसी निहंग की पगड़ी की लंबाई 100 मीटर से भी अधिक हो सकती है पर 60 वर्ष के अवतार सिंह मौनी की पगड़ी की लंबाई सुनकर एक बारगी तो विश्वास ही नहीं होता। कैसे कोई इतनी भारी पगड़ी अपने सिर पर बांधकर चल सकता है। वह भी दो चार दिन नहीं पिछले 16 सालों से लगातार।
अवतार सिंह मौनी की पगड़ी की लंबाई है 645 मीटर यानी किसी ओलंपिक साईज स्विमिंग पुल से 13 गुना लंबा। इनकी पगडी का वजन होता है करीब 100 पाउंड यानी 45 किलो से अधिक। अवतार सिंह के अनुसार उन्हें पगडी बांधने में 6 घंटे से अधिक का समय लग जाता है।
अवतार सिंह द्वारा इतनी लंबी पगड़ी बांधना एक व‌र्ल्ड रिकार्ड है। फिलहाल सवसे लंबी पगडी बांधने का गिनीज रिकॉर्ड मेजर सिंह के नाम है। मेजर सिंह की पगड़ी की लंबाई 400 मीटर है जो कि अवतार सिंह की पगड़ी की लंबाई से कहीं कम है। अगर अवतार सिंह की पगड़ी की लंबाई को आधिकारिक रूप से मान्यता मिल जाती है तो गिनीज व‌र्ल्ड रिकार्ड उनके नाम हो जाएगा।
अवतार सिंह की पगड़ी इतनी बड़ी है कि वे कार में नहीं बैठ पाते इसलिए वे अपनी सारी धार्मिक यात्रांए मोटरसाइकिल से ही करते हैं। साधारण लंबाई-चौड़ाई के दरवाजों के भीतर प्रवेश करने के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
अवतार सिंह अपनी पगड़ी को बोझ नहीं मानते। उनका कहना है कि पगड़ी बांधने के बाद वे दुनिया के सबसे खुश इंसान होते हैं। अवतार सिंह बताते हैं कि अगर वे पगड़ी नहीं बांधते हैं तो काफी अधूरापन महसूस करते हैं। बरौर अवतार सिंह उनके शरीर में जबतक शक्ति रहेगी वे पगड़ी बांधना नहीं छोड़ेंगे।
अवतार सिंह मौनी जब बाजार में जाते हैं तो लोग उन्हें बेहद आश्चर्य से देखते हैं। उनकी भारी-भरकम पगड़ी और उसके उपर सजे तरह-तरह के धार्मिक आभूषण अनायास ही लोगों के ध्यानाकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए बेताब हो जाते हैं जो कभी-कभी अवतार सिंह को खिन्न भी कर देता है। वह कहते हैं कि मैं पगड़ी बांधने में घंटों समय बिताता हूं और लोग बस एक फोटो खिंचवाकर निकल जाते हैं।
कई सिख समुदाय में अवतार सिंह की कोशिशों को बेहद श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। गुरप्रीत कौर अवतार सिंह मौनी को बाबा कहकर पुकारती हैं। इनका कहना है कि, बाबा के कारण वे सिख प्रेरित होंगे जो पगड़ी बांधने से परहेज करते हैं और बाल और दाढ़ी कटवा लेते हैं। बाबा सिख संस्कृति को संरक्षित रखने में अहम योगदान दे रहें हैं।

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